
Kaal sarp dosh nivaran puja दोस्तों आप ने सुना...


Kaal sarp dosh nivaran puja दोस्तों आप ने सुना तो होगा ही काल सर्प योग के बारे में । आज हम बात करेंगे काल सर्प योग, काल सर्प दोष के लक्षण , काल सर्प दोष निवारण उपाय के बारे में । काल सर्प योग जब भी हमारी कुंडली या किसी की भी कुंडली में बनता है तो उसका बहुत ही बुरा परिणाम होता है काल सर्प योग राहु और केतु की वजह से बनती है । जब भी किसी की कुंडली में राहु और केतु या तो सीधे हाथ की तरफ या उलटे हाथ की तरफ सारे ग्रह हो तो काल सर्प योग बनता है । तो चलिए दोस्तों जानते है काल सर्प दोष के कुछ बुरे परिणाम व्यक्ति जितनी भी मेहनत कर ले उसको उसकी मेहनत का पूरा फल कभी नहीं मिलता । व्यापर में हानि होती रहती है साथ ही साथ धन का भी काफी नुक्सान होता है जिन लोगो की कुंडली में काल सर्प दोष होता है । जिन लोगो की कुंडली में काल सर्प योग होता है उसे उसके आपने की धोखा देते है । और बार बार कुछ न कुछ परेशानियों का सामना उन्हें करना पड़ता है । काल सर्प योग वाले व्यक्ति की जिंदगी में एक बार Kaala धब्बा जरूर लगता है काल सर्प दोष वाले व्यक्तियों को संतान प्राप्ति में भी बहुत मुश्किलें आती है । तथा विवाह में भी बहुत सारी दिक़्क़ते आती है । काल सर्प योग वाले व्यक्ति का स्वास्ध्य भी खराब ही रहता है । व्यक्ति हमेशा बीमारियों से घिरा रहता है अलग अलग तरह के काल सर्प योग होते है । इसलिए व्यक्ति को अलग अलग तरह की परेशानिया होती है । जैसे की नौकरी से जुडी , स्वास्ध्य से जुडी , स्टडी से जुडी तथा धन से जुडी। काल सर्प दोष निवारण उपाय — Kaal Sarp Dosh Nivaran Upay सावन के महीने में रोज शिवलिंग पर मीठा दूध चढ़ाये । जिस कमरे में आप सोते हो वह की बेडशीट और तकिये लाल रंग के हो साथ ही कमरे के परदे भी लाल रंग के होने चहिये । बहते हुए पानी में राहु के १०८ यंत्रो को परवाहित करे । हर मंगलवार को हनुमान को बताशा , चमेली का तेल और सिंदूर चढ़ाये । इसके साथ हीहनुमान जी का १०८ बार जाप करे । पक्षियों को चालीसा के दिनों में जौ के दाने खिलाये । बटुक भैरव की आराध्ना करे इससे भी काल सर्प दोष से निजात मिलती है । गणेश जी की पूजा तथा भक्ति करने से भी काल सर्प योग खतम होता है सावन के महीने में हर सोमवार को तां Kaal Sarp Dosh Mantra ॐ हूं हूं स्वाहा , ॐ भू भुवः स्वाहा , ॐ त्र्यम्बकं यजामहे शुगंधिम पुष्टि वर्धनम , उर्वारुकमिव बन्धनं मृत्युर मुक्षीय माँ -मृतात , ॐ स्वाहा , भुवः भू ॐ स्वाहा , हूं हूं ॐ स्वाहा || बे या चांदी के सर्प का दान करे ।
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